सपा के संस्थापक सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रामहरि चौहान ने बुधवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। लोक सभा चुनाव के दौरान रामहरि के इस्तीफे को सपा के बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। रामहरि ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि लोक सभा चुनाव में सपा ने चौहान समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया है। जबकि हमने हमेशा सपा का साथ दिया था। कहा कि पार्टी की गलत नीतियों और गलत निर्णय से वह क्षुब्ध हैं।
रामहरि ने लिखा कि पार्टी की निति निर्धारित करने वालों को जनता से कोई सरोकार नहीं है। एक तरफ सपा द्वारा पीडीए का नारा दिया जाता है, लेकिन जहां पर चौहान समाज की ताकत है, वहीं पर उसकी उपेक्षा हो रही है। बीते कई दिनों से समाज के लोग इस बात को लेकर नाराज हैं, लेकिन स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश तक उनकी बातों को नजर अंदाज किया जा रहा है। ऐसे में जहां पर कार्यकर्ता अपनी बात को रख न सके, उस माहौल में काम करना संभव नहीं है।
चौहान ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर त्यागपत्र को स्वीकार करने का आग्रह किया है। वहीं सपा के इस दिग्गज नेता के पार्टी के इस्तीफे के बाद से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक रामहरि चौहान ने अपने अगले राजनितिक कदम को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
लोकसभा चुनाव चुनाव के बीच सपा को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को पार्टी के संस्थापक सदस्य रामहरि चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर चौहान समाज के उपेक्षा का आरोप लगाया।