“लखनऊ के चौक चौराहे पर पत्रकार हिमांशु गर्ग पर जानलेवा हमला, पुलिस का अपराधियों को संरक्षण देने का मामला। जानें पूरी घटना की
सच्चाई”
लखनऊ। राजधानी के चौक चौराहे पर 1 अक्टूबर की रात को गर्ग टाइम्स के सम्पादक हिमांशु गर्ग पर जानलेवा हमला हुआ। यह घटना लगभग 2 बजे हुई, जब हिमांशु गर्ग अपने कार्यालय से घर की ओर लौट रहे थे और रास्ते में वेज रोल खाने के लिए रुके थे। इस दौरान, वहां मौजूद नमन और विशेष नामक दबंगों ने पहले तो गाली गलौज करना शुरू किया और जब हिमांशु ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने लोहे के कड़े, धारदार हथियार और हेलमेट से उन पर हमला कर दिया।
हिमांशु किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे और उन्होंने इस घटना की सूचना चौक थाने में दी। लेकिन पुलिस ने मामला सुलझाने के बजाय हिमांशु पर समझौते का दबाव डालना शुरू कर दिया। पुलिस ने जब अपराधियों को पकड़ने के लिए दबाव महसूस किया, तो उन्होंने उन्हें हाजिर होने को कहा और केवल शांति भंग करने की मामूली धारा 151 लगाकर मामला खत्म कर दिया।
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सूत्रों के अनुसार, नमन और विशेष अपने इलाके के दबंग हैं जिनकी पुलिस में अच्छी पकड़ है। पुलिस का यह कृत्य दर्शाता है कि यहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को खतरा है, क्योंकि पुलिस अपराधियों की तरफदारी कर रही है।