Sun. Dec 22nd, 2024

  1. मस्जिद सर्वे का आदेश:
    संभल की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद का सर्वे कराने का निर्देश दिया था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद का निर्माण हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया है।
    • सर्वे टीम को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ मस्जिद का निरीक्षण कर 29 नवंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।
    • इस आदेश के बाद मस्जिद के आसपास तनावपूर्ण माहौल बन गया।
  2. हिंसा की शुरुआत:
    24 नवंबर को जब सर्वे टीम मस्जिद पहुंची, तो नकाबपोश हमलावरों ने पथराव कर दिया।
    • पुलिस और सर्वे टीम पर हमला कर उन्हें दौड़ाया गया।
    • पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
    • हिंसा के दौरान 4 लोगों की मृत्यु हो गई, और कई अन्य घायल हुए।
  3. प्रशासन की कार्रवाई:
    • जिले में तुरंत धारा 163 लागू की गई, जिससे एक स्थान पर चार या अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगाई गई।
    • अब तक दो दर्जन से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।
    • डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
संभल पीड़ितों के लिए आगे आई सपा...जानें कितना मिलेगा मुआवजा
संभल पीड़ितों के लिए आगे आई सपा…जानें कितना मिलेगा मुआवजा

समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस हिंसा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

  1. मुआवजे की घोषणा:
    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। यह राशि पार्टी की ओर से दी जाएगी।
  2. डेलिगेशन की रोक:
    • सपा ने शनिवार को घटनास्थल पर एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बनाई थी।
    • हालांकि, सुरक्षा कारणों और प्रशासन के आदेश के कारण यह दौरा फिलहाल स्थगित कर दिया गया।
    • डेलिगेशन अब अखिलेश यादव के निर्देश के बाद किसी अन्य दिन जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।

  1. धारा 163 का सख्त पालन:
    जिले में धारा 163 लागू है, जिससे विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगाई गई है।
  2. कड़ी कार्रवाई:
    • हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।
    • पुलिस ने उपद्रवियों को गिरफ्तार करने और मामले में शामिल मुख्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

  1. सांप्रदायिक तनाव:
    मस्जिद सर्वे को लेकर दोनों समुदायों के बीच बढ़ती आशंकाएं और आरोप-प्रत्यारोप ने तनाव को बढ़ावा दिया।
  2. कानूनी विवाद:
    • यह मामला धार्मिक स्थलों के दावों से संबंधित है, जो कोर्ट के निर्देश के अनुसार सुलझाया जाना है।
    • इस तरह के मामलों से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

  1. शांति बहाल करना:
    प्रशासन और पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि जिले में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा जाए।
  2. न्यायिक प्रक्रिया का पालन:
    सर्वे रिपोर्ट और कोर्ट के निर्देश के अनुसार मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना।
  3. राजनीतिक प्रभाव:
    यह मुद्दा राजनीतिक दलों के लिए एक संवेदनशील विषय बन सकता है, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।

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