30000 में 12 साल के बच्चे को खरीद कर क्या-क्या करवाता था आरोपी व्यापारी
कानपुर। 12 साल के बच्चे को ऑनलाइन 30 हजार में खरीदकर कारोबारी बच्चे से टॉयलेट साफ करवाने, झाड़ू-पोछा लगवाने के साथ ही घर का पूरा काम कराता था। बच्चा जब जब घर जाने की जिद करता था तो उसे बेरहमी से पीटते था। बच्चे के पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने कारोबारी को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला गोविंद नगर थाना क्षेत्र का है। थाना प्रभारी प्रदीप सिंह ने बताया- सोमवार रात को डायल-112 पर सूचना मिली कि गोविंद नगर बी-ब्लॉक में फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद के घर में मेरे 12 साल के बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जा रही है। आरोपी बच्चों को आनाकानी करने पर बेरहमी से पीटते हैं। सूचना पर पुलिस घर पहुंची तो दंग रह गई। घर से 12 साल का बच्चा बरामद हुआ और गाल में चोट के निशान थे।
पुलिस से पूछताछ में बच्चे ने बताया- मेरा नाम बाबुल है, मेरे पापा का नाम भगवान मेहतो उर्फ रामू है। बच्चा बिहार के मोतीहारी का रहने वाला है। वह अपने मां-बाप के साथ गुड़गांव में रहता था। बच्चों ने बताया कि लगभग 3 महीने पहले मुझे पैसे कमाने का लालच देते हुए एक व्यक्ति पप्पू यादव ने मुझे और मेरे चचेरे भाई दिव्यांशु (8 साल) को लखनऊ के आलमबाग के सुनील मलिक के घर पर काम करने के लिए छोड़ दिया।
बच्चे ने बताया-यहां उस दिन-रात काम कराया जाता था। लेकिन मुझे एक भी रुपए नहीं मिलते हैं। इसके बाद मुझे लखनऊ से कानपुर में अंकित आनंद के घर में छोड़ दिया गया।
तब से मैं साक्षी आनन्द और अंकित आनन्द के बच्चों की देखभाल करता हूं। मैंने होली पर मेरे घर जाने के लिए कहा था, लेकिन कल साक्षी दीदी ने मुझे घर जाने से मना कर दिया। यह बात मैंने अपने घर पर बता दी. इस पर साक्षी दीदी ने मुझे बहुत पीटा।
बच्चे बाबुल ने बताया- मुझे पेट भरकर खाने को भी नहीं दिया जाता है। इसके बाद उसने अपने दाहिने गाल के चोट के निशान दिखाए
फर्नीचर कारोबारी को पुलिस ने लिया हिरासत में पूछताछ के बाद पुलिस ने फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद को हिरासत में लिया। इसके साथ ही बच्चे को भी लेकर थाने पहुंचे. अंकित आनंद ने बताया कि बच्चे को 30 हजार रुपए में एक कंपनी के जरिए मेरे लखनऊ में रहने वाले ससुर सुनील मलिक ने खरीदा था। इसके बाद बच्चे को कुछ दिन अपने यहां रखने के बाद कानपुर भेज दिया।
-PULIN TRIPATHI