बैंगलोर /जौनपुर। मध्यस्थता कोर्ट वाले सुप्रीम कोर्ट का Law भी नहीं मानते’, AI इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता की बातें झकझोर देंगी, भ्रष्ट सिस्टम से हार गए इंजीनियर अतुल?
पत्नी निकिता सिंघानिया से परेशान होकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के होनहर इंजीनियर सुभाष ने अपने प्राण त्याग दिए।
इसके पहले सुभाष ने तकरीबन डेढ़ घंटे का वीडियो शूट किया है। जिसमें उन्होंने जौनपुर पारिवारिक न्यायालय की एक जज पर भी संगीत आरोप लगाए हैं।
अब अतुल सुभाष के भाई की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। वही रिकॉर्ड वीडियो में अतुल सुभाष ने आरोप लगाया की पत्नी निकिता ने उन पर और उनके परिवार वालों पर तमाम तरीके के केस हरासमेंट के लिए डाल रखे थे। उन्होंने यह भी कहा कि मामला पारिवारिक कोर्ट में विचार अधीन था पहले पत्नी ने एक करोड रुपए लेकर सुलहनामे पर दस्तखत करने की बात की थी। बाद में वह अपनी बात से मुकर गई। फिर वह 3 करोड रुपए की मांग करने लगी। उसने जब पारिवारिक न्यायालय की जज महोदय को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे पास होंगे 3 करोड रुपए दे दो तुम्हारा क्या जाता है। अतुल सुभाष ने यह भी आरोप लगाया कि जज महोदय ने उनसे 5 लख रुपए की मांग रखी थी।
पत्नी ने कहा था- मर क्यों नहीं जाते
अतुल ने वीडियो में बताया कि उन्होंने जज रीता कौशिक के समक्ष जब बताया कि उनकी पत्नी ने झूठे मामले दर्ज किए हैं, तो जज ने कहा, तो क्या हुआ? वह आपकी पत्नी है और यह आम बात है। अतुल ने कहा कि झूठे मामलों के कारण कई लोग मर जाते हैं, तो बीच में पत्नी निकिता ने कहा कि आप भी ऐसा क्यों नहीं करते? इस पर जज ने जोर से ठहाका लगाया। अतुल ने लिखा, पत्नी ने ही मुझे सही रास्ता दिखाया। मर जाना ही इन सब का अंत है।
पहले एक करोड़ की फिर तीन करोड़ की मांग की
अतुल ने बताया कि उनकी पत्नी ने शुरू में 1 करोड़ रुपये की मांग की, बाद में मांग बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी। अतुल ने सुसाइड नोट में लिखा कि उनके खिलाफ 9 मामलों में छह के मुकदमे ट्रायल कोर्ट और तीन हाईकोर्ट में थे। दो साल में कोर्ट की 120 तारीखें लगीं जिससे पूरी तरह टूट गया। जौनपुर परिवार अदालत की जज रीता कौशिक और उनके स्टाफ ने मामला निपटाने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत भी मांगी। अतुल ने लिखा, इस सिस्टम ने मुझे न्याय नहीं दिया, मेरा फैसला बाकी है।
इ. जय सिंह पटेल on X: “@JaikyYadav16 Sad to see these poor faces Heart breaking video https://t.co/eUxiL7jXmt” / X
‘शव के पास भी ना आ पाए पत्नी’
अतुल ने सुसाइड नोट में अपनी कुछ अंतिम इच्छाएं भी लिखीं। उन्होंने साफ किया कि मरने के बाद पत्नी और उसके परिवार वालों को शव के पास भी नहीं आने दिया जाए। बेटे की कस्टडी उनके माता पिता को दी जाए, क्योंकि पत्नी उसे अच्छे संस्कार देकर नहीं पाल सकती। अतुल ने लिखा कि उनकी अस्थियों का विसर्जन तब तक नहीं किया जाए जब तक उनकी पत्नी और उसके परिजनों को सजा नहीं हो जाती। ये भी लिखा कि अगर उन्हें सजा न हो तो उनकी अस्थियों को अदालत के बाहर गटर में ही बहा दिया जाए। अतुल ने यूपी के मुकाबले कर्नाटक की अदालतों पर अधिक भरोसा जताया और आगे पत्नी के खिलाफ बंगलूरू की अदालत में मुकदमा चलाने की मांग की।