- जिस पानी को नहाने लायक नहीं माना उसी में किया स्नान
- मिल्कीपुर चुनाव के चलते मजबूर होना पड़ा अखिलेश को
- एंटी हिंदू की बन रही छवि से उबरने के लिए भी जरूरी था ये
लखनऊ/प्रयागराज। तमाम आलोचनाओं के बाद समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने गणतंत्र दिवस के दिन संगम में डुबकी लगा ही ली। रविवार दोपहर को वे प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे। स्नान के बाद उन्होंने मेला क्षेत्र में लगी मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
सपा सुप्रीमो महाकुंभ में संगम की बजाए हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगा कर भाजपा के निशाने पर आ गए थे। तब अखिलेश यादव ने कहा था कि जब गंगा मैया बुलाएंगी तब चले जाएंगे। तब उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए यहां तक कह दिया कि संगम का पानी नहाने लायक नहीं है। खैर, अंततः गंगा मैया का बुलावा आ ही गया और उन्होंने इसी पानी में डुबकी लगाई। संगम स्नान के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि मैनें संगम में 11 बार डुबकी लगाई है।
संगम स्नान के बाद उन्होंने दिवंगत मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। प्रयागराज पहुंचने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। एयरपोर्ट से निकल कर वह पार्टी नेताओं के साथ मेला क्षेत्र में पहुंचे। जहां उन्होंने संगम तट पर डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने सपा के शिविर में पार्टी नेताओं और साधु-संतों से मुलाकात की।
कुछ जानकार इसे मिल्कीपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से भी जोड़ कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि अपनी हिंदू विरोधी छवि से निजात पाने के लिए ही मतदान के पूर्व उन्होंने महाकुंभ में आकर संगम में डुबकी लगाई। उनका मानना है कि संगम स्नान का उनका ये कार्यक्रम भी अचानक बनाया गया। ताकि इस मुद्दे पर भाजपा के आरोपों का जवाब दिया जा सके।
खबर है कि इसके बाद मिल्कीपुर में विधानसभा उपचुनाव के लिए उनकी रैलियां भी होनी हैं। जानकारों का कहना है कि अब उन्हें प्रचार के दौरान भाजपा के आरोपों का जवाब देने में भी आसानी रहेगी। अभी तक के कार्यक्रम के अनुसार आगामी तीन फरवरी को मिल्कीपुर में उनकी चुनावी सभा प्रस्तावित है
- अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक