- सीतापुर में 50 साल के विक्षिप्त ने मचाया हड़कंप
- आधी रात में ही गुप्तांग काट कर बिस्तर में ही पड़ा रहा
- 15 साल के बेटे को भेजकर शिवलिंग पर चढ़वा दिया
- मंदिर में अफरा तफरी, शिव मंत्रों का जाप भी हुआ
अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक
लखनऊ। सीतापुर जिले में एक विक्षिप्त अधेड़ ने अपना ही लिंग काट कर भोलेनाथ को अर्पित कर दिया। यह अजीब घटना सीतापुर जिले महमूदाबाद की है। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार शिव भक्ति के जुनून में एक 50 वर्षीय विच्छिप्त अधेड़ ने अचंभित करने वाली घटना में अपना ही लिंग काट लिया। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार उसने अपने 15 वर्षीय नाबालिग बेटे को भेजकर उस लिंग को शिवलिंग पर चढ़वा भी दिया। इस घटना की जानकारी जब घरवालों को हुई तो उसे आनन-फानन अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
मामला सीतापुर जिले की महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बहरौली गांव का है। खबरों में बताया गया है कि गांव निवासी बिहारीलाल (50) पुत्र शत्रोहन लाल ने अपने घर में देर रात अचानक अपना गुप्तांग काट लिया। बताते हैं कि गुप्तांग काटकर भी वह अधेड़ चुपचाप बिस्तर पर लेटा था। परिजनों ने जब खून देखा तो जानकारी हुई। आनन-फानन में परिजन उसे लेकर सीएचसी पहुंचे जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
प्राप्त विवरण के अनुसार बहरौली गांव निवासी 50 वर्षीय बिहारी लाल रात को खाना खाने के बाद कमरे में चले गए। जब परिजन उनके कक्ष में पहुंचे तो बिस्तर पर खून पड़ा देखा। पूछने पर बिहारी लाल ने बताया कि उन्होंने अपना गुप्तांग काट दिया है। उसअधेड़ के मानसिक रूप से परेशान होने की आशंका भी जताई जा रही है। सीएचसी की इमरजेंसी में मौजूद डॉ. अनवर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
सुबह गांव के लोग जब शिव मंदिर में गये तो उन्हें घटना की जानकारी हुई। मंदिर में गुप्तांग मिलने की खबर फैलते ही वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। यह भी खबर है कि इस घटना के बाद भी काफी लोग मंदिर में शिव-शिव, ओम नम: शिवाय, हर-हर शंभू जपते रहे।
मिली जानकारी के अनुसार उसे विक्षिप्त अधेड़ की शीला नाम की पत्नी भी है। उसका 15 साल का एक पुत्र भी है। ऐसे में यह मामला यौन असंतुष्टि का तो बिल्कुल नहीं लगता। उधर गांव के लोगों का कहना है कि वह अधेड़ कुछ विक्षिप्त सा था और जादू-टोने में बहुत अधिक विश्वास करता था। परंतु अभी तक यह पता नहीं चल रखा है कि उसने ऐसा क्यों किया