महाकुंभ नगर; लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल आज शनिवार को प्रयागराज पहुंचे. प्रयागराज एयरपोर्ट पर दोनों लोगों का स्वागत यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने किया. वहीं, त्रिवेणी घाट पर पहुंच कर दोनों नेताओं ने संगम में डुबकी लगाई. इसके बाद अरैल स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया. परमार्थ निकेतन में आयोजित चार दिवसीय कीवा महाकुंभ में भी दोनों लोगों ने हिस्सा लिया.

हम सब एक मानव परिवार हैं
गौरतलब है कि कीवा कुंभ के चार दिवसीय आयोजन में आध्यात्मिक परंपराओं, प्रार्थनाएं, अनुष्ठान, कहानियां और आध्यात्मिक संवादों के साथ आदिवासी धर्मगुरु यह एहसास दिलाते हैं कि भले ही हम अलग-अलग हों, अलग-अलग देशों में रहते हों लेकिन हम एक मानव परिवार हैं. जो महाकुंभ प्रयागराज में पृथ्वी एवं उसके भविष्य के लिए एकजुट हुए हैं. हम सभी यहां पर मानवता और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए एक साथ आए हैं. अपनी परंपराओं से जुड़कर पृथ्वी के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को फिर से बनाना चाहते हैं. इसी उद्देश्य को लेकर 700 से अधिक आदिवासी नेताओं और संस्कृतियों को एकजुट किया गया है.
भारतीय संस्कृति विविधताओं की मिसाल-ओम बिरला बोले
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत की संस्कृति विविधताओं में एकता की मिसाल है. यहां विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का संगम है, जहां हर संस्कृति को समान सम्मान मिलता है. भारतीय समाज में समन्वय एवं समरसता की भावना सदैव रही है. भगवद गीता, वेद, उपनिषद, और अन्य सभी ग्रंथ, सहिष्णुता और सहअस्तित्व का संदेश देते हैं. यही भारतीय संस्कृति की ताकत है, जो हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देती है.
चिदानंद सरस्वती ने पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया- मंत्री पीयूष गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चिदानंद सरस्वती ने पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का न केवल प्रचार-प्रसार किया बल्कि विभिन्न संस्कृतियों को आमंत्रित भी किया है. संस्कृतियों को आदान-प्रदान पूरे विश्व को एक सूत्र में जोड़ता है. भारत के पास सभी से जुड़ने व सभी को जोड़ने का अद्भुत सूत्र है. कीवा कुंभ को महाकुंभ में आयोजित करने का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्र की देखभाल और संरक्षण, प्रकृति की सुरक्षा मूल भाषाओं और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण, आदिवासियों की पहचान को स्वीकारना, सम्मानित करना, आदिवासियों की संस्कृतियों का संरक्षण, स्वस्थ और सतत अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करना है.
सनातन धर्म का अद्भुत दृश्य जो आगे चलकर देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा।#MahaKumbh pic.twitter.com/f5vntkG3hF
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 15, 2025
कई देशों के प्रतिनिधि ले रहे हैं हिस्सा
कीवा महाकुंभ में भारत सहित जर्मनी के आदिवासी लीडर्स हेल्मुट किजेलमैन, मेक्सिको, हेनबर्टो विलासेनियर, अल्फोंसो गोंजालेज वेलेजक्वेज, बेनिन से एपोलिनायर उस्सौ, ऑस्ट्रेलिया से विरुन्ग्गा डुंग्गीइर, मैन्युएल एंटोनियो ऑक्स्टे लियोन, कोलंबिया से जूलियो मुनोज लिनो, नुबिया रोड्रिगेज, बाली से इडा आयू पुतु पूमामावती, पेरू से मार्टिना ममानी अरॉस्कीपा, ग्रिवानेसा फ्लोरेस ममानी, इटली, अर्जेंटीना, कोलंबिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, पेरू, ग्रेट ब्रिटेन, जापान, ब्राजील, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड्स, इक्वाडोर, फ्रांस, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के प्रतिभागियों ने सहभाग किया. वहीं, स्वामी जी ने ओम बिड़ला और पीयूष गोयल को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर महाकुंभ में उनका अभिनंदन किया.