सुलतानपुर; कांग्रेस नेता और रायबरेली सांसद राहुल गांधी के मानहानि मामले में सोमवार को एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई। अगले गवाह से राहुल गांधी के अधिवक्ता को जिरह करनी थी, लेकिन गवाह की ओर से परिवादी के अधिवक्ता ने हाजरी माफी लगा दी। अब इस मामले में छह मार्च को मामले में सुनवाई होगी।
कोतवाली देहात के हनुमानगंज निवासी भाजपा नेता विजय मिश्रा ने वर्ष 2018 में राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि का परिवाद एमपीएमएलए कोर्ट में दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अभद्र टिप्पणी की थी। इससे वह वह खासे आहत हुए। कोर्ट में पांच साल लंबी प्रक्रिया चली, लेकिन राहुल गांधी हाजिर नहीं हुए तो दिसंबर 2023 में तत्कालीन जज ने वारंट जारी कर उन्हें तलब किया था। तब फरवरी 2024 को राहुल गांधी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
अदालत ने राहुल गांधी को 25-25 के दो मुचलकों पर जमानत दे दी थी। इसके बाद राहुल गांधी को कोर्ट ने बयान दर्ज करने के लिए बुलाया। कई तारीख पड़ने के बाद बीते 26 जुलाई को राहुल कोर्ट में पहुंचे और उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा था कि मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश हो रही है। इसके बाद कोर्ट ने वादी को साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश हुए। इस वर्ष दाे जनवरी को जिरह पूरी नहीं होने पर कोर्ट ने 10 जनवरी व 22 जनवरी की तारीख नियत की थी, लेकिन इन दोनों ही तारीखों पर अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई पुनः टल गई थी।
उसके बाद 30 जनवरी को तिथि नियत हुई तो राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी शुक्ला के अस्वस्थ होने के चलते जिरह नहीं हो सकी थी। 11 फरवरी को कोर्ट में जिरह पूर्ण करने के लिए सुनवाई की तिथि नियत की गई थी, जिसमें राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने परिवादी से जिरह की थी। जिरह पूरी होने के बाद 24 फरवरी (सोमवार) की तिथि नियत की गई थी।अगले गवाह से राहुल गांधी के अधिवक्ता को जिरह करनी थी, लेकिन गवाह की ओर से परिवादी के अधिवक्ता ने हाजरी माफी का प्रार्थना पत्र लगा दिया। अब छह मार्च को मामले में सुनवाई होगी।