Wed. Mar 12th, 2025

AMU: “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में होली खेलने पर मौलाना शहाबुद्दीन ने हिंदू छात्रों को दी नसीहत, बयान के बाद सोशल मीडिया पर विवाद तेज, धर्मिक सौहार्द पर बहस जारी।”

बरेली; ऑल इंडिया जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में होली खेलने को लेकर हिन्दू छात्रों को लेकर नसीहत दी है. मौलाना ने नसीहत देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी के अंदर मुस्लिम छात्र बहुसंख्यक है, इसलिए वहां होली न खेल जाये_

बता दें कि मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि यहां हिंदू और मुसलमान सभी धर्म के लोग पढ़ते हैं, एवं शिक्षा की रोशनी पूरी दुनिया में फैलाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दिनों से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चर्चा में बनी हुई है. इसी क्रम में उन्होंने कहा है कि छात्रों ने होली मनाने की परमिशन मांगी और वहां के इंतजामिया ने होली मनाने की परमिशन नहीं दी है.

हिंदू छात्रों को भी इस बात को देखना चाहिए कि संस्थान किसका है और वहां बहुसंख्यक आबादी किसकी है. इसी कड़ी में हिंदू छात्रों का कहना है कि AMU परिसर के हाल में रोजा इफ्तार के साथ चेहल्लुम का आयोजन व ताजिये निकाले जाते हैं.

यहां हिंदू छात्रों ने बीते 25 फरवरी को AMU के प्रॉक्टर के जरिए AMU वाइस चांसलर के नाम एक पत्र लिखा था. इस पत्र में छात्रों ने 9 मार्च को AMU के एनआरएससी क्लब में होली मिलन समारोह आयोजन करने की अनुमति मांगी थी.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) एक बार फिर चर्चा में है। विश्वविद्यालय परिसर में होली खेलने को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन ने हिंदू छात्रों के लिए खास नसीहत दी है। मौलाना ने कहा कि धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक परिसरों में त्योहारों का आयोजन सोच-समझकर किया जाना चाहिए ताकि किसी भी समुदाय की भावनाएं आहत न हों।

मौलाना शहाबुद्दीन के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बयान बता रहे हैं, तो वहीं कई लोग इसे व्यक्तिगत राय मानते हुए नजरअंदाज करने की अपील कर रहे हैं।

AMU प्रशासन ने इस मुद्दे पर कहा है कि विश्वविद्यालय सभी धर्मों और त्योहारों का सम्मान करता है, लेकिन अनुशासन बनाए रखना भी आवश्यक है। वहीं, छात्र संगठनों ने मौलाना के बयान पर नाराजगी जताते हुए इसे छात्रों की स्वतंत्रता में दखल बताया है।

इस पूरे मामले ने अलीगढ़ में नया माहौल खड़ा कर दिया है, जहां त्योहारों की खुशी के साथ अब विचारों की बहस भी जारी है।

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