जयपुर। जल संसाधन मंत्री ने सुरेश सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष मानसून की असीम कृपा रही है। मरु प्रदेश राजस्थान के लिए यह मंगल उत्सव का समय है। उन्होंने कहा कि वर्षा के इस सुखप्रद समय को उत्सव के रूप में मनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सम्पूर्ण रूप से भरे बांधों और जलाशयों पर 14 सितम्बर को जलझूलनी एकादशी के दिन ‘राजस्थान जल महोत्सव-2024’ मनाने का निर्णय लिया गया है।
Read It Also :- चांदपुर पुलिस ने कराल फाटक के होटल से बरामद हुआ 25 किलो गौमांस, पुलिस ने होटल किया सीज
रावत ने कहा कि प्रदेश में इस बार सामान्य से 215 मिलीमीटर अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो प्रदेश के विकास का सुखद संदेश है। अच्छे मानसून के चलते प्रदेश के बांध कुल भराव क्षमता के 83 प्रतिशत तक भर चुके हैं। तकरीबन 357 बांध लबालब हैं और अधिकांश जलाशय पूरे भर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी वर्षा से आगामी साल में प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली में वृद्धि होगी और चहुँमुखी विकास होगा। उन्होंने कहा कि आमजन में भी इस समय हर्ष का माहौल है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि जलझूलनी एकादशी पर प्रदेश भर में ‘राजस्थान जल महोत्सव-2024’ के तहत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही जल संग्रहण एवं जल मितव्ययता के बारे में चर्चा की जाएगी। उन्होंने आयोजन की पूर्व तैयारियों के संबंध में सम्बंधित विभागों और जिलों को निर्देश प्रदान किये तथा आपसी समन्वय से कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के लिए कहा। उन्होंने कहा कि महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं तथा छात्र-छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, काश्तकारों, आमजन, संस्थाओं, मीडिया तथा सबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अधिकाधिक संख्या में जोड़ने के निर्देश दिये।
प्रदेश में अब तक 632 मिलीमीटर बरसा अमृत जल, बांध कुल भराव क्षमता के 83 प्रतिशत तक भरे
राज्य को इस वर्ष प्रकृति ने मानसून वर्षा के रूप में अमृत जल की सौगात दी है। राज्य में जल संग्रहण की स्थिति पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अच्छी है। वर्तमान में बांधों में जल की आवक अच्छी बनी हुई है तथा नित नए जलाशय ओवरफ्लो हो रहे हैं। प्रदेश में मानसून काल की सामान्य वर्षा 417 मिलीमीटर है, जिसके विरूद्ध 10 सितम्बर तक 632 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। वहीं प्रदेश में जल संसाधन विभाग के अधीन कुल 691 बांधों की भराव क्षमता 12 हज़ार 900 एम.सी.एम है, जिसके विरूद्ध बांधों में 10 सितम्बर तक 10 हज़ार 774 एम.सी.एम. जल संग्रहित हो चुका है, जो कि बांधों की कुल भराव क्षमता का लगभग 83 प्रतिशत है। पिछले वर्ष राज्य में इस समय तक 8297 एम.सी.एम जल संग्रहित हुआ था। जल संसाधन विभाग के अधीन 357 बांध पूर्ण रूप से तथा 226 बांध आंशिक रूप से भर चुके है। जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त पंचायती राज विभाग, भू-संरक्षण एवं जल संग्रहण विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों द्वारा निर्मित जल संरचनाओं में भी जल संग्रहण की स्थिति भी पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी है।