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Lucknow : फर्जी बार कोड के जरिए शराब के ट्रकों को बाहर भेजा, एसआईटी की जांच पर ईडी का एक्शन ,कोआपरेटिव कंपनी लिमिटेड की 20.38 करोड़ रुपये की संपत्तियों, (ईडी) ने जब्त

एसआईटी को दी गयी थी जांच
एसटीएफ द्वारा इस मामले का खुलासा करने के बाद शासन के निर्देश पर एसआईटी को जांच सौंपी गयी थी। एसआईटी ने अदालत में दाखिल किए गये आरोप पत्र में उल्लेख किया था कि कंपनी द्वारा उत्पाद शुल्क बचाने के लिए अवैध रूप से शराब की निकासी के बाद उसे कानपुर, उन्नाव, बदायूं, संभल और जौनपुर भेजा जा रहा था। एसटीएफ ने कंपनी के मालिक प्रणय अनेजा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं आबकारी विभाग के 10 अधिकारी एवं कर्मचारी निलंबित किए गए थे। आबकारी निरीक्षक अरविंद वर्मा को एसटीएफ ने गिरफ्तार भी किया था।

सहारनपुर के टपरी स्थित कोआपरेटिव कंपनी लिमिटेड की 20.38 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर लिया है। आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कंपनी की फैक्टरी से फर्जी बार कोड के जरिए शराब के ट्रकों को बाहर भेजा जा रहा था। इसका खुलासा यूपी एसटीएफ ने किया था, जिसके बाद ईडी ने भी जांच शुरू की थी। ईडी ने जुलाई, 2021 में कंपनी के छह ठिकानों पर छापा मारकर अहम सुबूत जुटाए थे।

बता दें कि ईडी ने कंपनी की 18 कृषि भूमि और बैंक खाते में जमा धनराशि को जब्त किया है। ईडी की जांच में सामने आया है कि कंपनी मालिकों ने एक ही गेट पास पर अवैध रूप से निर्मित देसी शराब की आपूर्ति के लिए डुप्लीकेट बार कोड और क्यूआर कोड बनाए। इसके बाद राज्य उत्पाद शुल्क की चोरी के इरादे से शराब को बिना किसी कागजी कार्यवाही के फैक्ट्री से निकाल कर जिलों की दुकानों में बेच दिया गया, जिससे सरकार को करीब 35 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ। बता दें कि बीते वर्ष ईडी ने कंपनी की 11.26 लाख रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था।

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