बिना परमिट काटे गये सागौन के पेड़ों के मामले में अफसर खामोश
लखीमपुर-खीरी।जनपद के तिकुनिया में महाराजा अग्रसेन विधा मंदिर स्कूल परिसर में बिना अनुमति सागौन के पेड़ों को काटने का मामला सामने आया है। स्कूल प्रबंधन ने इसकी कटाई जानबूझकर गुप-चुप तरीके से कराया, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। जिस विधा मंदिर में पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाया जाता है वहां इस तरह पेड़ों को नष्ट करने से छात्रों के बीच गलत संदेश जाएगा। स्कूल प्रबंधक आशीष अग्रवाल द्वारा इन पेड़ों को यह कहते हुए काटा गया कि यह सूख चुके हैं। जबकि मामला कुछ और था राजस्व क्षेत्र हो या वन परिक्षेत्र, बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई नहीं की जा सकती है। सूखे पेड़ के लिए काटने की अनुमति ली जाती है। लेकिन स्कूल प्रबंधक आशीष अग्रवाल ने ऐसा नहीं किया। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि कटाई के लिए शनिवार का दिन चुना गया।
महाराजा अग्रसेन विधा मंदिर में पेड़ों की इस तरह बलि से स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों में नाराजगी है। इस मामले की जानकारी वन विभाग को भी नहीं है, जबकि मामला हरियाली को क्षति पहुंचाने का है। इस संबंध में स्कूल की प्रबंधक आशीष अग्रवाल का कहना है कि पेड़ सूख गए थे, इससे बच्चों को खतरा था उन्होंने बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए बिना परमीशन सागौन के पेड़ों को कटवाने की बात कबूली है
वही स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अवैध कटान की सूचना रेंज में देने के बाद भी उक्त प्रबंधक व ठेकेदार पर कार्रवाई तो दूर वनकर्मियों ने मौके पर जाना तक मुनासिब नहीं समझा।
वन प्रशासन की ढिलाई से प्रबंधक आशीष अग्रवाल के हौसले बुलंद हैं स्थानीय लोगों ने बताया कि बिना परमिट ‘महाराजा अग्रसेन विधा मंदिर” परिसर में लगे सागौन के पांच पेड़ प्रबंधक आशीष अग्रवाल की सरपरस्ती में बिना परमीशन आरे से काट दिए गए, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी हालांकि सागौन के पेड़ काटकर कमरों में ठिकाने लगाई गई।
पेड़ों की कटान में जिम्मेदारों की साठगांठ से इन्कार नहीं किया जा सकता है हालांकि शोसल मीडिया पर वाइरल खबर का संज्ञान लेकर विभागीय टीम मौके पर पहुंचकर विधिक कार्रवाई की है।
क्या बोले जिम्मेदार!
वही बेलरायां रेंजर भूपेंद्र सिंह से उक्त मामले की जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बिना परमिट सागौन के पेड़ों का कटान करने वाले जिम्मेदारो के खिलाफ कार्रवाई होगी।
(रेंजर बेलरायां, भूपेंद्र सिंह)