Sun. Dec 22nd, 2024

Rampat Harami Death: दुनिया को अलविदा कह गए कॉमेडियन रम्पत हरामी, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

Kanpur Updats : 80 के दशक मशहूर कॉमेडियन रम्पत हरामी ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. रम्पत हरामी को डबल मीनिंग कॉमेड़ी का बेताज बादशाह माना जाता थे. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

प्रसिद्ध नौटंकी स्टार रमपत हरामी का हुआ निधन प्रसिद्ध नौटंकी स्टार रमपत उर्फ रम्पत हरामी को गंभीर हालत में हैलट इमरजेंसी के न्यूरो वार्ड में भर्ती कराया गया था।सोमवार लगभग 2 बजे उन्होंने आज अंतिम सास ली।थाना बाबू पुरवा अंतर्गत बगाही निवासी है रमपत हरामी, क्षेत्र में छाया दुख का माहौल।

80 के दशक से नौटंकी करने वालों में एक नाम ऐसा भी था जिसे डबल मीनिंग कॉमेडी का बेताज बादशाह मना जाता था. रम्पत सिंह भदौरिया उर्फ रम्पत हरामी एक ऐसा नाम जिसके नाम में ही गाली शरीक थी लेकिन ये गाली उसकी पहचान बन गई और यूपी समेत पूरी दुनिया में उसे लोग रम्पत हरामी के नाम से जानने लगें. इंटरटेनमेंट के लिए जिस समय एक मात्र जरिया नौटंकी हुआ करती थी उस समय एक नया नाम और चेहरा सामने आया जिसे देखने और उसके नाम से ही चेहरे पर ही हंसी आ जाती थी लेकिन अब वे उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. रम्पत हरामी का लंबी बीमारी के चलते सोमवार को अपनी अंतिम सांस ली. रम्पत की मौत के साथ ही नौटंकी के क्षेत्र से एक बड़ा नाम हमारे बीच से विदा हो गया.

साल 1983 से इस क्षेत्र में कदम रखने वाले रम्पत सिंह भदौरिया कानपुर के रहने वाले थे. रम्पत सिंह के पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे लेकिन बचपन से ही नौटंकी के शौकीन रम्पत का अचानक से 13 साल की उम्र में ही इस क्षेत्र में दिल लग गया और वो इस विधा में खुद को माहिर करने के लिए आगे बढ़ने लगे. हालांकि उनके परिवार और पिता उनका ये पेशा बिल्कुल पसंद नहीं था जिसके चलते उनके पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया. पिता के घर से निकाले जाने के बाद रम्पत हरामी इस क्षेत्र में गुरु तलाशने लगे हालाकि इस क्षेत्र में बड़े नाम हुए नौटंकी की दुनिया में श्रीकृष्ण पहलवान, लालमन और गुलाब बाई जैसे बड़े कलाकारों से उनकी मुलाकात हुई.

कैसे पड़ा हरामी शब्द को बनाया था अपना टाइटल
इसी दौरान रम्पत की मुलाकात कृष्णा वाई से हुई और उन्होंने उन्हें अपना गुरू बना लिया ओर फिर पलट कर पीछे नही देखा नाम और शोहरत का अंबार लग गया. वहीं रम्पत सिंह भदौरिया की अदाकारी ने उन्हें मंच पर होस्ट कर रहे एक शख्स ने उन्हें हरामियों के सताज के नाम से नवाजा हालाकि ये शब्द गलियों में शुमार था लेकिन इस नाम को रम्पत ने अपना टाइटल नेम बना लिया और इसी नामके सहारे पूरी दुनिया में विख्यात हो गए. कानपुर के रहने वाले रपमत बढ़ती उम्र के साथ बीमार चलने लगे और शारीरिक कमजोर होने के चलते घर में गिर जाने से अस्पताल में बीमार चल रहे थे.  रम्पत की कानपुर के हैलट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मौत हो गई. रम्पत हरामी के निधन की खबर से उनके प्रशंसको में शोक की लहर दौड़ गई है. हर कोई उनको याद कर श्रद्धांजली दे रहा है.

Related Post

Leave a Reply