भारत नेपाल बार्डर पर स्तिथ 43वी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल द्वारा वाहिनी मुख्यालय एवं इसके अधीन समस्त सीमा चौकियों में हिंदी पखवाडा का शुभारंभ किया गया I आजादी मिलने के पश्चात् हिंदी के महत्व को देखते हुए 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत हिंदी भाषा को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए 14 सितंबर 1953 से पूरे भारत में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। तब से हर साल पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
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हिंदी भारत के साथ साथ विश्व के करीब 20 देशों में बोली जाने वाली भाषा है I हमारे देश के अधिकांश हिस्सों में हिंदी भाषा बोली जाती है I हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे लोग आसानी से एक दुसरे के भावना को व्यक्त कर सकते है I परन्तु आज के समय में हिंदी भाषा के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो रहा है I परिणामस्वरूप देश के अनेकों स्कूलों, विश्व विद्यालयों में हिंदी केवल एक विषय मात्र बनकर रह गई है I
आज हम सभी का कर्तव्य है कि लोगो को अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रति जागरूक कर गर्व के साथ हिंदी को अपने बोल-चाल व कार्यकलाप में शामिल करें I इसी उदेश्य से 43वी वाहिनी द्वारा जवानों को वाहिनी कार्यालय में हिंदी भाषा में अधिक से अधिक पत्राचार करने के लिए जागरूक किया गया I हर साल कि तरह इस वर्ष भी वाहिनी द्वारा 14 सितम्बर से 29 सितम्बर तक हिंदी पखवाडा के रूप में मनाया जा रहा है जिसके अंतर्गत हिंदी भाषा में विभिन्न प्रकार के संवाद , कविता पाठ और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा तथा उक्त प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले कार्मिकों को उचित पुरस्कृत भी किया जायेगा I