दिवाली 2024 पर भारतीय बाजारों की रौनक और चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में गिरावट। आत्मनिर्भर भारत अभियान से स्थानीय व्यापारियों को बढ़ावा, साथ ही CAIT के चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान का असर।
नई दिल्ली। इस बार की दिवाली में भारतीय बाजारों में चीनी उत्पादों का बहिष्कार जोर पकड़ रहा है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहित किया है कि वे स्थानीय उत्पादों की बिक्री पर जोर दें। पिछले साल की तरह ही इस साल भी CAIT ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है, जिससे भारतीय ग्राहकों को घरेलू सामान खरीदने की ओर आकर्षित किया जा रहा है।
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बाजारों की सजावट: दिल्ली से लेकर लखनऊ, मुंबई, और अन्य महानगरों के बाजार दीयों और रंगोली से सजे हैं। त्योहार की चमक को बढ़ाने के लिए विशेष सजावट और रंग-बिरंगी लाइट्स लगाई गई हैं।
छूट और ऑफ़र: दीपावली की रौनक बढ़ाने के लिए दुकानदार ‘एक पर एक निशुल्क’ जैसी आकर्षक ऑफ़र दे रहे हैं, जिससे ग्राहक भारतीय उत्पादों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।
चीनी उत्पादों का बहिष्कार: पिछले साल से शुरू हुए CAIT के बहिष्कार अभियान के कारण इस बार बाजार में स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है। सर्वेक्षण में पाया गया है कि लोग अब घरेलू सामानों की ओर रुख कर रहे हैं। NCR में 55% लोग इस बार पटाखों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
लखनऊ में दिवाली व्यापार आंकड़ा:
2021 में कुल व्यापार: लगभग 15,000 करोड़ रुपये
2022 में कुल व्यापार: लगभग 18,000 करोड़ रुपये
2023 में कुल व्यापार: लगभग 22,000 करोड़ रुपये
2024 में इस आंकड़े के 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें प्रमुख वस्तुएं स्मार्टफोन, घरेलू उपकरण, मिठाइयाँ, और सजावट सामग्री शामिल हैं।
चीनी उत्पादों की कमी और भारत की आत्मनिर्भरता:
पिछले 7 सालों में चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में कमी आई है। 2022 में यह 10% गिरकर 67 अरब डॉलर हो गया, जिसका कारण ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और स्थानीय उत्पादों की बढ़ती मांग है। भारतीय कंपनियां, जैसे रिलायंस और वोडाफोन, अब स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में आत्मनिर्भर हो रही हैं।
आगे की संभावनाएँ: अगर यह रुझान जारी रहा, तो भारत भविष्य में चीन से आयात पर और निर्भरता घटा सकता है।
संभावित कारण:
- आर्थिक सुधार: कोविड के बाद उपभोक्ता विश्वास में सुधार।
- ऑनलाइन खरीदारी में वृद्धि: डिजिटल खरीदारी में सहूलियत।
- स्थानीय उत्पादों का प्रचार: ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का असर।
- डिजिटल भुगतान का उपयोग: ऑनलाइन भुगतान से खरीदी में सहूलियत।
दिवाली 2024 में इस बार भारतीय व्यापारियों को नया हौसला मिला है। ‘ड्रैगन की नहीं, भारत की दिवाली’ के नारे के साथ इस बार के त्योहार पर भारतीय बाजारों में खास उत्साह देखा जा रहा है।