कानपुर के पनकी साइट नंबर-5 का औद्योगिक क्षेत्र अतिक्रमण, गंदगी और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। उद्यमियों का कहना है कि हर साल करीब 3.5 करोड़ रुपये टैक्स देने के बावजूद, उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। नगर निगम और यूपीसीडा के बीच सामंजस्य की कमी के कारण यह क्षेत्र लगातार बदहाल होता जा रहा है।
मुख्य समस्याएं
- अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम
सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण के कारण फैक्ट्रियों के ट्रकों के आवागमन में परेशानी होती है। अगर एक साथ तीन-चार ट्रक आते हैं, तो जाम लग जाता है। - सफाई और नालियों की समस्या
- नालियों पर अतिक्रमण होने से सफाई नहीं हो पाती।
- कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठता, जिससे गंदगी और बदबू फैली रहती है।
- छुट्टा मवेशी और जगह-जगह कूड़े के ढेर भी समस्या बढ़ा रहे हैं।
- पार्क और सड़कों की बदहाली
- पार्क के लिए छोड़ी गई जमीन को कूड़ाघर में तब्दील कर दिया गया है।
- साइट नंबर-2 में नई बनाई गई इंटरलॉकिंग सड़कें एक माह में ही क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
- वैकल्पिक मार्ग का अभाव
पनकी साइट-5 में केवल एक पुलिया होने के कारण आने-जाने का मार्ग सीमित है। वैकल्पिक पुलिया और मार्ग न होने से आपात स्थिति में समस्या खड़ी हो सकती है।
उद्यमियों की मांग
- पुलिया निर्माण और वैकल्पिक मार्ग: उद्यमी चाहते हैं कि नहर पर एक और पुलिया बनाकर अतिरिक्त मार्ग तैयार किया जाए।
- अतिक्रमण हटाने का अभियान: क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कर, ट्रकों और वाहनों के लिए पर्याप्त जगह बनाई जाए।
- सफाई और रखरखाव: कूड़ा उठाने और नालियों की सफाई का नियमित प्रबंध हो।
- मानक अनुरूप निर्माण कार्य: सड़क और फुटपाथ के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए।
प्रशासन का रुख
अधिशासी अभियंता अतुल पांडेय ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। जेसीबी मशीन मंगाकर सफाई और नालियों को कब्जा मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
उद्यमियों की पीड़ा
उद्यमियों का कहना है कि उनकी समस्याओं को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो उत्पादन और व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पनकी साइट-5 का औद्योगिक क्षेत्र कानपुर की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। इसे बेहतर बनाने के लिए प्रशासन और उद्यमियों के बीच समन्वय जरूरी है। समस्याओं का जल्द समाधान कर क्षेत्र को पुनः विकसित किया जा सकता है।