लखनऊ। वक्फ की संपतियों के मामले में शासन की जांच में चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। वक्फ बोर्ड जितनी संपत्तियां होने का दावा कर रहा है, उनमें से महज दो से ढाई फीसदी का ही तहसील से वक्फ के पक्ष में नामांतरण कराया गया है।
उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में 127837 वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें से तीन हजार संपत्तियां ही राजस्व रिकॉर्ड में हैं। समय पर नामांतरण की प्रक्रिया ही नहीं पूरी की गई। शासन ने इस संबंध में हाईकोर्ट में पूरी रिपोर्ट रखने के लिए छह माह का और समय मांगा है।
हाईकोर्ट ने दिसंबर 2023 में सरकार को निर्देश दिए कि कितनी सरकारी संपत्तियां गलत ढंग से वक्फ संपत्ति के नाम पर दर्ज हैं, ये जांच करके बतायें। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। वक्फ बोर्ड जितनी संपत्तियां होने का दावा कर रहा है, उनमें से सिर्फ 2-2.5 फीसदी ही तहसील से वक्फ के पक्ष में नामांतरित हैं। इसका मतलब राजस्व रिकॉर्ड में ये संपत्तियां वक्फ के बजाय किसी अन्य नाम से दर्ज हैं। जिनकी पड़ताल और व्यापक दर्जे पर करने के लिए प्रदेश की सरकार ने और वक्त की मांग रखी है।